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Happy dhanteras 2021: धनतेरस भारत में मनाए जाने वाला एक बहुत ही महत्वपूर्ण पर्व है| इस पर्व का हिन्दू धर्म एम् बहुत महत्व है| इस पर्व को धनत्रयोदशी भी कहा जाता है| धनतेरस पांच दिन मनाए जाने वाले दिवाली के पर्व की शुरुवात होती है| इस दिन को बहुत शुभ माना जाता है| इस त्यौहार को लक्ष्मी पूजा के रूप में मनाया जाता है| धनतेरस वाले दिन दिव्वाली के उपलक्ष में घरो को साफ़ और सूंदर बनाया जाता है| इस दिन देवी लक्ष्मी के साथ धन कुबेर की भबि पूजा की जाती है| ये कविता खासकर कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए दिए गए है|
धनतेरस पर कविता
when is dhanteras in 2021 date in india/dhanteras kab hai/धनतेरस कब है: धनतेरस हर वर्ष कृषणपक्ष की त्रियोदशी पर मनाया जाता है|इस साल धनतेरस का पर्व 02 november 2021 के दिन पड़ रहा है | है|आइये अब हम आपको धनतेरस कविता, धनतेरस की कविता, धनतेरस पर निबंध, धनतेरस हिंदी कविता, dhanteras kavita in hindi, Dhanteras Quotes in Hindi, dhanteras kavita, dhanteras par hindi kavita, dhanteras drawing, dhanteras par kavita, dhanteras poem, dhanteras poems, happy dhanteras poem, आदि जानकारी class 1, class 2, class 3, class 4, class 5, class 6, class 7, class 8, class 9, class 10, class 11, class 12 के बच्चे इन्हे अपने स्कूल फंक्शन celebration व प्रोग्राम किसी भी भाषा जैसे Hindi, हिंदी फॉण्ट, मराठी, गुजराती, Urdu, उर्दू, English, sanskrit, Tamil, Telugu, Marathi, Punjabi, Gujarati, Malayalam, Nepali, Kannada के Language Font में साल 2007, 2008, 2009, 2010, 2011, 2012, 2013, 2014, 2015, 2016, 2017 का full collection हैं|
आज धनतेरस है
नए-नए बर्तन ख़रीदने का दिन
और आज ही हम अपने आख़िरी बर्तन लिए
घूम रहे हैं दुकान-दुकानआने का सवाल क्या
जो कुछ पास था सब जा रहा हैदेखो वे कितनी बेरहमी से थकुच रहे हैं
हमारे पुराने बर्तन
और सजा रहे हैं एक पर एक
अपने नए बर्तन!
Dhanteras poem in hindi
धनतेरस के पर्व पर, सजे हुए बाज़ार।
घर में लाओ आज कुछ, नये-नये उपहार।।झालर-दीपों से सजे, आज सभी के गेह।
मन के नभ से आज तो, बरसे मधुरिम नेह।।रहे हमेशा देश में, उत्सव का माहौल।
मिष्ठानों का स्वाद ले, बोलो मीठे बोल।।सरस्वती के साथ हों, लक्ष्मी और गणेश।
तब आएगी सम्पदा, सुधरेगा परिवेश।।उल्लू बन जाना नहीं, पाकर द्रव्य अपार।
धन के साथ मिले सदा, मेधा का उपहार।।
Happy dhanteras poem in hindi
प्रभु धन दे निर्धन मत करना.
माटी को कंचन मत करना…..
*
निर्बल के बल रहो राम जी,
निर्धन के धन रहो राम जी.
मात्र न तन, मन रहो राम जी-
धूल न, चंदन रहो राम जी..भूमि-सुता तज राजसूय में-
प्रतिमा रख वंदन मत करना…..
*
मृदुल कीर्ति प्रतिभा सुनाम जी.
देना सम सुख-दुःख अनाम जी.
हो अकाम-निष्काम काम जी-
आरक्षण बिन भू सुधाम जी..वन, गिरि, ताल, नदी, पशु-पक्षी-
सिसक रहे क्रंदन मत करना…..
*
बिन रमेश क्यों रमा राम जी,
चोरों के आ रहीं काम जी?
श्री गणेश को लिये वाम जी.
पाती हैं जग के प्रणाम जी..माटी मस्तक तिलक बने पर-
आँखों का अंजन मत करना…..
*
साध्य न केवल रहे चाम जी,
अधिक न मोहे टीम-टाम जी.
जब देना हो दो विराम जी-
लेकिन लेना तनिक थाम जी..कुछ रच पाए कलम सार्थक-
निरुद्देश्य मंचन मत करना..
*
अब न सुनामी हो सुनाम जी,
शांति-राज दे, लो प्रणाम जी.
‘सलिल’ सभी के सदा काम जी-
आये, चल दे कर सलाम जी..निठुर-काल के व्याल-जाल का
मोह-पाश व्यंजन मत करना…..
Very short poem on dhanteras in hindi
धन से ही तो रस हैं सारे
धन ही सुख-दुख के सहारे
धन ही मंदिर,धन ही पूजा
न ऐसा कोई पर्व दूजा
धन ने किये हैं रौशन बाजार
बिन धन यहाँ न कोई मनुहार
सब चाहें चखना इस रस का स्वाद
बिन धन जीवन है बकवास
धन ही पहचान,यही अभिमान
सिवा इस रस के न कोई गुणगान
गज़ब है चाह न दिल कभी भरता
पीने को ये रस हर कोई मचलता
उमर बीत जाए न होगा कभी बस!
जितना मिले ले लें धन ते रस…
Dhanteras Poems in Hindi
भु धन दे निर्धन मत करना.
माटी को कंचन मत करना…..
*
निर्बल के बल रहो राम जी,
निर्धन के धन रहो राम जी.
मात्र न तन, मन रहो राम जी-
धूल न, चंदन रहो राम जी..शुद्ध करो निज मन मंदिर को
क्रोध-अनल लालच-विष छोडो
परहित पर हो अर्पित जीवन
स्वार्थ मोह बंधन सब तोड़ो
जो आँखों पर पड़ा हुआ है
पहले वो अज्ञान उठाओ
पहले स्नेह लुटाओ सब पर
फिर खुशिओं के दीप जलाओजहाँ रौशनी दे न दिखाई
उस पर भी सोचो पल दो पल
वहाँ किसी की आँखों में भी
है आशाओं का शीतल जल
जो जीवन पथ में भटके हैं
उनकी नई राह दिखलाओ
पहले स्नेह लुटाओ सब पर
फिर खुशियों के दीप जलाओनवल ज्योति से नव प्रकाश हो
नई सोच हो नई कल्पना
चहुँ दिशी यश, वैभव, सुख बरसे
पूरा हो जाए हर सपना
जिसमे सभी संग दीखते हों
कुछ ऐसे तस्वीर बनाओ
पहले स्नेह लुटाओ सब पर
फिर खुशियों के दीप जलाओ
Dhanteras poem in marathi
परमेश्वराला पैसे देऊ नका, संपत्ती द्या.
चिकणमाती मिटवू नका …
*
अशक्तपणाच्या शक्तीवर राहा, राम जी
गरीबांचे श्रीमंत रक्षण करा, राम जी
फक्त नान तन, राम जी लक्षात ठेवा
धुळी, चांदण राहो राम जी ..सुट्टा तालाज राजसुय्या –
पुतळा देऊ नका …..
*
मृदुल किर्ती प्रतिभा सुनाम जी
सॅम सुख-सुख अनाम जीला द्या
होय अस्वस्थ काम जी-
आरक्षण बिन जिओ सुधाम जी ..वन, गिरि, ताला, नद्या, प्राणी-पक्षी-
सुदानने दुःखी होऊ नका …..
*
बिन रमेश राम राम जी,
जिवंत चोर काम करत आहे का?
श्री गणेश यांना डावीकडे
मला जगाची पूजा करायची आहे.मोती मास्ट तिलक ऑन-ऑन-
डोळे दुर्लक्ष करू नका …..
*
केवळ चाम जी नाही,
अजून टी-टामा जी नाही
जेव्हा दोन ब्रेक असतात तेव्हा जी-
पण तानी थॉम जी घ्या ..काही लिखित कलम अर्थपूर्ण-
व्यत्यय आणू नका.
*
आता सुनाम जी ऐकू नका,
शांतीराज दार, शासन शासन
सलिल नेहमीच सर्वांसाठी काम करतो-
चला, चला जाऊ आणि सलाम करूया.नाइट्रस
भ्रमित होऊ देऊ नका …