गौरी पूजा मंत्र – Gauri Puja mantra in Hindi, Telugu, Marathi, Kannada – Katha for Marriage mp3 Download

Gauri Puja mantra in Hindi

Gauri Pujan Mantra: गौरी पूजन एक बहुत ही प्रसिद्द त्यौहार है जिसकी अपनी अनूठी विशेषताएं हैं| भगवान गणेश की मां देवी पार्वती को माता गौरी भी कहा जाता है।गौरी पुजन या गिरिजा पूजा में, हम देवी पार्वती यानि की गौरी की पूजा करते हैं। सिर्फ महाराष्ट्र नहीं बल्कि महाराष्ट्र के पास कुछ अन्य स्थानों में गौरी पूजन मनाया जाता है। इसके अलावा, गौरी पूजन की महाराष्ट्रीयन महिलाओं के लिए एक ख़ास त्यौहार की है। महाराष्ट्र में गौरी पूजा को ‘मंगला गौरी’ भी कहा जाता है। महोत्सव महाराष्ट्र महिलाओं द्वारा महान भक्ति और उत्साह के साथ मनाया जाता है। वे गौरी पूजन के दिन पूरी रात जागकर माँ की अर्चना करती हैं और झिम्मा और फुगड़ी जैसे पारंपरिक खेलों में खुद को शामिल करते हैं।

Gauri puja mantra

गिरिजा पूजा मंत्र: गौरी पूजन दोनों विवाहित व अविवाहित महिलाओं द्वारा मनाया जाता है। विवाहित महिलाएं अपने पतियों की दीर्घ आयु और कल्याण के लिए प्रार्थना करती हैं, वहीं अविवाहित महिलाएं अपने लिए आदर्श पति पाने के लिए गौरी पूजन करती हैं। ऐसा कहा जाता है कि सीता माता ने भगवान राम को अपने पति के रूप में पाने के लिए गौरी पूजन किया था। आइये हम आपको वह मंत्र बताते हैं| साथ ही आप माँ पीताम्बरा बीज मंत्र भी देख सकते हैं|

यह महिलाओं के साथ अपने दोस्तों के साथ आनंद लेने का अवसर है। आइये आज हम आपको gauri puja mantra in telugu, गौरी गणेश पूजन मंत्र, gauri puja mantra in mithila, गौरी पूजन मंत्र, Gowri pooja mantra in Telugu, gowri puja mantra in kannada, gauri puja mantra in hindi की जानकारी दते हैं| आप साथ ही प्रत्यक्ष साधना मंत्र के सम्बंद में जानकारी जाना सकते है|

सर्वमंगल मांगल्ये, शिवे सर्वार्थ साधिके. शरणनेताम्बिके गौरी नारायणी नमोस्तुते..

Gowri pooja mantra

साथ की आप बगलामुखी बीज मंत्र की जानकारी ले सकते है|

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श्री मंगला गौरी मंत्र : shri mangla gauri mantra in hindi

हमारे द्वारा प्रदान किये हुए मंगला गौरी पूजा मंत्र को 11, 21, 51, 108 बार व अपनी श्रध्दा के अनुसार जाप करने से लाभ अवश्य होगा|

अस्य स्वयंवरकलामंत्रस्य ब्रम्हा ऋषि, अतिजगति छन्द:, देवीगिरिपुत्रीस्वयंवरादेवतात्मनो अभीष्ट सिद्धये

गौरी पूजा मंत्र

गौरी पूजन कथा

प्राचीन काल में आनंद नगर में धर्मपाल नामक एक सेठ अपनी पत्नी के साथ सुख पूर्वक जीवन-यापन करता था। धर्मपाल के जीवन में धन, वैभव की कोई कमी नही थी, किन्तु उसे केवल एक बात की दुःख हमेशा सताती थी कि उनकी कोई संतान नहीं थी। सेठ धर्मपाल नियमित पूजा-पाठ तथा दान-पुण्य किया करते थे। कुछ समय पश्चात पूजा-पाठ तथा अच्छे कार्यो से सेठ को पुत्र की प्राप्ति होती है।

जब सेठ धर्मपाल को पुत्र की आयु के सम्बन्ध में ज्ञात होता है कि उसका पुत्र अल्पायु है तो उसे अपने किस्मत पर बड़ा दुःख होता है। सेठ धर्मपाल व्यथित हो जाता है तब सेठ की पत्नी बोलती है भाग्य को कैसे बदला जा सकता है। अतः प्रभु की इच्छा में अपनी इच्छा निहित है। जो करेंगे प्रभु अच्छा ही करेंगे। कुछ समय पश्चात सेठ धर्मपाल अपने पुत्र का विवाह एक योग्य एवं संस्कारी कन्या से कर देता है। कन्या बचपन से ही माता गौरी का व्रत किया करती थी। अतः इस प्रभाव से कन्या को माता गौरी से अखंड सौभाग्यवती होने का आशीर्वाद प्राप्त होता है जिससे सेठ धर्मपाल का पुत्र दीर्घायु हो गया ।

Gauri ganesh puja mantra

भगवान् गणेश का ध्यान 

गजाननं भूतगणादिसेवितं कपित्थजम्बूफलचारूभक्षणम्।
उमासुतं शोकविनाशकारकं नमामि विघ्नेश्वरपादपंकजम् ।।

भगवती गौरी का ध्यान 

नमो देव्यै महादेव्यै शिवायै सततं नम: ।
नम: प्रकृत्यै भद्रायै नियता:प्रणता:स्म ताम् ।।
श्रीगणेशाम्बिकाभ्यां नम:, ध्यानं समर्पयामि ।

गौरी पूजन मंत्र

मंत्र : ह्रीं मंगले गौरि विवाहबाधां नाशय स्वाहा ।

Gowri pooja mantra Kannada

विनियोग : अस्य श्री मंगला गौरि मन्त्रस्य अजऋषिः गायत्री छन्दः श्री मंगलागौरि देवता ह्रीं बीजं स्वाहा शक्तिः ममाभीष्टं सिद्धये जपे विनियोगः।

Gauri puja mantra in Marathi

ध्यान: गीर्वाणसंधार्चितपाद पंकजारूण् प्रभा बाल शशांक शेखरा। रक्ताम्बरा लेपन पुष्पयुंग मुदे सृणिं सपाशं दधतीं शिवास्तु नः।।

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